बड़े ही इत्तिफ़ाक़ की बात है, कल Muktaangan के grand finale event में मैं जिगर मुरादाबादी के बारे में बोल रहा था और आज सुबह मेरे हॉस्पिटल (Jeevak Heart Hospital) में एक मरीज़, मेरा हम-उम्र ही रहा होगा, मुझसे OPD में दिखाने आया। उसकी शक्ल सूरत देख कर लगा कहीं जिगर खुद तो नही आ गए अपनी दास्तान मुझे सुनाने।
मैंने उनसे उनकी 바카라 웹사이트तकलीफ पूछी 바카라 웹사이트तो उन्होंने बताया, "डॉक्टर साब, वैसे तो सीने में दर्द है, बहुत दिनों से , लेकिन कल जब आपको जिगर के बारे में बोलते सुना तो सोचा, चलो डॉक्टर साब से मिल ही लें। दर्द तो डॉक्टर साब बस एक बहाना है आपसे मिलने का, मैं तो ये जानना चाहता था कि जब आज ही के दिन 바카라 웹사이트जौन एलिया की विलादत हुई थी, आज ही के दिन वो पैदा हुए थे, तकरीबन 90 साल पहले, तो क्या बेहतर नही होता की कल आप जिगर के बदले जौन एलिया पर बोलते।"
मैंने कहा आप सही बोल रहे हैं, सच पूछिये , ये ख्याल ही नही आया , वर्ना मैं ये बात Muktaangan के लोगों से कहता।
वैसे बात को आगे बढ़ाते हुए मैंने कहा, "देखिये वो नरगिसी ख़्याल और रुमानियत पसंद जौन एलिया की शख्सियत में जिगर मुरादाबादी की झलक है। जैसे जौन साहब की शेर है न। 'जो गुज़ारी न जा सकी हम से हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है' जिगर की याद दिलाती है। जौन एलिया ने इश्क़ और मोहब्बत के मौज़ूआत को दुबारा ग़ज़ल में खींच कर लाया है।"
"जी, और जौन एलिया का मिज़ाज भी वही था जो जिगर का 바카라 웹사이트था," मेरे मरीज़ ने कहा और जिगर का एक शेर पढ़ दिया।
"कहते हैं, सबब रुस्वाई का होती है मैकशी,
जिगर को मैकशी ने मगर मुम्ताज़ कर दिया।"
और
"जौन एलिया को भी मैकशी ने मुम्ताज़ कर दिया।"
"बाल वैगेरह सब 바카라 웹사이트जिगर के ऐसे ही थे। और उनका जन्म भी मोरादाबाद 바카라 웹사이트के ही पास 바카라 웹사이트अमरोहा में हुआ था।"
और फिर उन्होंने जौन एलिया का 4 शेर बेझिझक पेश कर दिया:
"अब तो हर बात याद रहती है
ग़ालिबन मैं किसी को भूल गया "
यूँ जो तकता है आसमान को तू
कोई रहता है आसमान में क्या।
"अपना रिश्ता ज़मीं से ही रक्खो
कुछ नहीं आसमान में रक्खा।
"जो गुज़ारी न जा सकी हम से
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है।"
उनकी बेगम को नहीं 바카라 웹사이트रहा गया।
"हुज़ूर अपनी तकलीफ़ की बात करें ,आप डॉक्टर के यहाँ बैठे हैं, कोई महफिले-मुशायरे में नहीं। क्यों आप डॉक्टर साहब को परेशान कर रहे हैं जौन एलिया के शेरों से। देख नहीं रहे कितने मरीज़ उनका इंतज़ार कर रहे हैं और उन्हें आपरेशन में भी जाना है।"
और मुझसे माफ़ी मांगते हुए कहा, "डॉक्टर साहब ,अशरफ़ साहब का यही हाल है। कह कर तो हमसे चले कि चलो डॉक्टर साहब से अपने दिल के दर्द की बात करते हैं। और यहां आ कर जौन एलिया के हवाले मुझ पर ही इल्ज़ाम लगा रहे हैं।
"जो गुज़ारी न जा सकी हम से
हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है।"
"क्या 바카라 웹사이트कुछ नही किया मैंने इनके लिए दिन भर सुनती रहती हूँ इनकी बातें और इनसे जौन एलिया कि ग़ज़लें और शेर...कुछ बोल दूं तो रूठ जाते हैं।"
अपना नाम बेगम के मुंह से सुन कर मेरे मरीज़ अशरफ़ साहब ने अपनी बेगम की तरफ मुख़ातिब हो जौन एलिया का एक 바카라 웹사이트शेर उन्हें सुनाया:
"आज मुझ को बहुत बुरा कह कर
आप ने नाम तो लिया मेरा "
और रही बात रूठने की तो जौन साहब की 바카라 웹사이트तरह--
"मुझ को आदत है रूठ जाने की
आप मुझ को मना लिया कीजे "
जी, मैं मानता हूँ बहुत बोलता हूँ, मेरे मरीज़ ने कहा और फिर जौन एलिया का एक और शेर पढ़ डाला:
"मुस्तक़िल बोलता ही रहता हूँ
कितना ख़ामोश हूँ मैं अंदर से "
उनकी बेगम थोड़ी झल्लाई हुई उन्हें बीच में ही टोकते हुए कहा:
"ये डॉक्टर साहब के सामने हम दोनों की बातें क्यों ला रहे हैं आप। अपनी 바카라 웹사이트तकलीफ की बात करें न।"
ये कहना था कि मेरे मरीज़ ने जौन एलिया के 3-4 शेरों में अपनी बात कह डाली:
"काम की बात मैं ने की ही नहीं
ये मिरा तौर-ए-ज़िंदगी ही नहीं "
और रही बात हम दोनों की --
"वफ़ा इख़्लास क़ुर्बानी मोहब्बत
अब इन लफ़्ज़ों का पीछा क्यूँ करें हम"
"हमारी ही तमन्ना क्यूँ करो तुम
तुम्हारी ही तमन्ना क्यूँ करें हम"
"ये काफ़ी है की हम दुश्मन नहीं हैं
वफ़ादारी का दावा क्यूँ करें हम।"
मैं तब तक थोड़ा परेशान सा 바카라 웹사이트हो गया था। ग़ज़ल, शेर-ओ-शायरी का बहुत शौक़ है मुझे, पर वो शाम के वक़्त दिन के वक़्त वो दिल के दूसरे मुआ'मले से मैं जूझता रहता हूँ। एक open heart surgery करनी थी
और फिर बाहर और भी मरीज़ इंतज़ार कर रहे थे दिखाने के लिए। मैंने अशरफ़ साहब का पता वैगेरह लिया और कहा कि जौन एलिया पर गुफ़्तुगू होगी तो उन्हें ज़रूर बुलाऊंगा पर फिलहाल आप अपना ख्याल रखें।
आप अपने सीने के दर्द को नज़र अंदाज़ न करें . Coronary Angiography करा लें आप।바카라 웹사이트
तभी उनकी बेगम बोल उठी, "बहुत सिगरेट पीते हैं ये। मैं तो कहते कहते थक गयी। पर मानते ही नही...डॉक्टर साब आप ही कुछ बोलिए न इनको।"
"जी, डॉक्टर साब," मेरे मरीज़ ने कहा।바카라 웹사이트
और फिर अपनी बेग़म की तरफ मुख़ातिब हो जौन एलिया का एक और 바카라 웹사이트शेर कह डाला:
"तुम जो कहती हो छोड़ दो सिगरेट,
क्या तुम मेरा हाथ थाम सकती हो"
और 바카라 웹사이트फिर 바카라 웹사이트मेरी 바카라 웹사이트तरफ रु-ब -रु हो कर कहा, डॉक्टर साब
"अब ये भी नहीं ठीक कि हर दर्द मिटा दें
कुछ दर्द कलेजे से लगाने के लिए हैं ...
चलिये दवा वैगेरह कुछ लिख दें आप,ये Coronary Angiography वगैरह नहीं करानी है मुझे.
"दवा तो लिख दें हुज़ूर मगर ये ख्याल रहे..."바카라 웹사이트
और जौन एलिया का ही शेर कहते हुए मेरे chamber से निकल पड़े:
"चारासाज़ों की चारा-साज़ी से दर्द बदनाम तो नहीं होगा
हाँ दवा दो मगर ये बतला दो , मुझ को आराम तो नहीं होगा।"
(Dr. Ajit Pradhan is a cardiovascular surgeon. He founded the Patna Literature Festival.)